कोरोना प्रबंधन से जुड़े मामलों की सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, हमने एक तस्वीर देखी कि नदी में शव बहाया जा रहा है। हमें नहीं पता कि जिस चैनल ने इस वीडियो को दिखाया, उस पर राजद्रोह का केस दर्ज हुआ या नहीं।
दरअसल, जस्टिस चंद्रचूड़ की पीठ मरीजों के लिए आवश्यक दवाओं, ऑक्सीजन और टीकों की आपूर्ति के संबंध में स्वतःसंज्ञान मामले की सुनवाई कर रही है। इस दौरान न्यायमित्र वरिष्ठ वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने शवों के सम्मानपूर्ण अंतिम संस्कार का मसला उठाया। उन्होंने कहा, देखा जा रहा है कि कभी बीमारी के डर, तो कभी आर्थिक कारण से लोग शवों का उचित अंतिम संस्कार नहीं कर रहे। कोर्ट को राज्य सरकारों से जवाब-तलब करना चाहिए। निर्देश देने चाहिए। पीठ ने कहा, ऐसा मामला पहले से लंबित है, आगे विचार किया जाएगा।
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