Monday, April 17, 2023

देवर का क्या अर्थ है ?




यह संस्कृत भाषा का शब्द है जिसे पत्नी अपने पति के छोटे भाई के लिए प्रयोग करती है । "गोस्वामी तुलसीदास जी" ने "रामचरित मानस" में "देवर" शब्द का बहुत ही सुंदर वर्णन किया है।


भगवान श्रीराम वन जाते समय किसी स्थान से गुजर रहे हैं। श्रीराम और लक्ष्मण के अनुपम सौंदर्य को देखकर अभिभूत हुई ग्रामवधूटियाँ अपने को रोक नहीं पाती हैं और सीताजी से उनका परिचय पूछती हैं। सीताजी बड़ी ही शालीनता से अपने देवर (लक्ष्मण) और प्रियतम (श्री रामजी) का परिचय देती हैं जिसे भारतीय सांस्कृतिक मर्यादा का अन्यतम उदाहरण कहा जा सकता है ।


चौपाई | रामचरित मानस 1.2.117: 
"सहज सुभाय सुभग तन गोरे। नामु लखनु लघु देवर मोरे॥
बहुरि बदनु बिधु अंचल ढाँकी। पिय तन चितइ भौंह करि बाँकी॥"


भावार्थ: 
ये जो सहज स्वभाव, सुंदर और गोरे शरीर के हैं, उनका नाम लक्ष्मण है, ये मेरे छोटे देवर हैं। फिर सीताजी ने (लज्जावश) अपने चन्द्रमुख को आँचल से ढँककर और प्रियतम (श्री रामजी) की ओर निहारकर भौंहें टेढ़ी करके॥




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