आत्मनिर्भर भारत पर जोर: किसानों, मछुआरों और ग्रामीण उद्योगों को मजबूती के लिए स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा
प्रकाशित: 15 अगस्त 2025 | स्थान: नई दिल्ली, लाल किला

Introduction
स्वतंत्रता दिवस 2025 के संबोधन में प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि देश की विकास यात्रा में किसानों, मछुआरों और ग्रामीण उद्यमों की भूमिका निर्णायक है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि खरीद के समय Made in India और स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दें, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त हो और आयात पर निर्भरता घटे।
Description
सरकार का फोकस कृषि, मत्स्य और ग्रामीण उद्योगों में मूल्य संवर्धन, बाज़ार तक पहुँच और आधुनिक तकनीक पर रहेगा। कृषि क्षेत्र में बेहतर भंडारण, कोल्ड‑चेन, प्रसंस्करण और डिजिटल मंडियों के माध्यम से किसानों को बेहतर दाम दिलाने पर जोर रहेगा। मछुआरों के लिए सुरक्षित नौकाओं/उपकरण, बर्फ‑भंडारण और तटीय आधारभूत सुविधाओं को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाए जाएंगे, जिससे पकड़ के बाद होने वाले नुकसान कम हों और आय में स्थिरता आए।
ग्रामीण उद्योग—जैसे हैंडलूम, हस्तशिल्प, फूड प्रोसेसिंग, बांस/लकड़ी आधारित शिल्प और स्थानीय ब्रांडिंग—को प्रशिक्षण, डिज़ाइन‑सहायता, ई‑कॉमर्स ऑनबोर्डिंग और सरल ऋण सुविधाओं से बढ़ावा दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि स्वदेशी को अपनाना केवल आर्थिक नीति नहीं, बल्कि रोज़गार, उद्यमशीलता और सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा राष्ट्रीय अभियान है।
Main points
- लोकल‑फर्स्ट: नागरिकों से स्वदेशी और स्थानीय ब्रांडों को प्राथमिकता देने की अपील।
- कृषि मूल्य‑श्रृंखला: भंडारण, कोल्ड‑चेन व प्रोसेसिंग से किसानों को बेहतर दाम।
- डिजिटल मार्केट एक्सेस: ई‑मार्केट/डिजिटल मंडियों से सीधे खरीदार तक पहुँच।
- मत्स्य आधारभूत ढांचा: सुरक्षित नौकाएँ, बर्फ‑भंडारण, जेट्टी/लैंडिंग सुविधाएँ।
- ग्रामीण उद्यम: हैंडलूम‑हस्तशिल्प, फूड प्रोसेसिंग और क्लस्टर‑आधारित विकास।
- कौशल व डिज़ाइन‑सहायता: पैकेजिंग, ब्रांडिंग और गुणवत्ता मानकों पर प्रशिक्षण।
- ई‑कॉमर्स ऑनबोर्डिंग: छोटे उद्यमियों/एफपीओ को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जोड़ना।
- रोज़गार/आय: स्वदेशी माँग बढ़ने से स्थानीय रोजगार और स्थायी आय के अवसर।
स्रोत: स्वतंत्रता दिवस 2025, लाल किले से प्रधानमंत्री का संबोधन (मुख्य अंश)
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